मुख्यमंत्री चंद्रबाबू को नोटिस भेजा पूर्व सीआई शंकरैया

Former CI Shankaraiah sent a notice to Chief Minister Chandrababu

Former CI Shankaraiah sent a notice to Chief Minister Chandrababu

(अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )

अमरावती : : (आंध्र प्रदेश)  पुलिवेंदुला के पूर्व CI शंकरैया को कुरनूल DIG कोया प्रवीण ने नौकरी से निकाल दिया है। उक्त इस आदेश को कुरनूल SP विक्रांत पाटिल ने DIG के आदेश पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत शंकरैया को ड्यूटी से हटाने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फैसला तुरंत लागू होगा। शंकरैया अभी वीआर में हैं।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को नोटिस भेजने वाले पूर्व CI के खिलाफ सरकार ने एक सनसनीखेज फैसला लिया है। पुलिस प्रमुखों ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उन्हें नौकरी से हटाने के लिए महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं।

पुलिवेंदुला के पूर्व CI शंकरैया को कुरनूल DIG कोया प्रवीण ने नौकरी से निकाल दिया है। कुरनूल SP विक्रांत पाटिल ने DIG के आदेश पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत शंकरैया को ड्यूटी से हटाने के आदेश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फैसला तुरंत लागू होगा। शंकरैया अभी वीआर में हैं।

विधानसभा में वाईएस विवेका हत्या मामले के बारे में बताते हुए, CM चंद्रबाबू नायडू ने तत्कालीन CI शंकरैया का नाम लिया। चंद्रबाबू ने आरोप लगाया कि वाईएस विवेका मर्डर केस के आरोपियों ने CI शंकरैया की मौजूदगी में सबूत मिटा दिए। चंद्रबाबू ने शंकरैया की खुलेआम आलोचना की कि घटना की जगह पर होने के बावजूद उन्होंने उन्हें नहीं रोका। इस मामले में, CM चंद्रबाबू के आरोपों को खारिज करते हुए शंकरैया ने कहा कि चंद्रबाबू ने उनके सम्मान और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। CI शंकरैया ने 18 सितंबर को CM चंद्रबाबू नायडू को लीगल नोटिस भेजा।

शंकरैया ने लीगल नोटिस में मांग की है कि चंद्रबाबू नायडू विधानसभा में उनसे माफी मांगें और उन्हें 1.45 करोड़ रुपये का मुआवजा दें। नोटिस में कहा गया है कि वह 29 साल से पुलिस डिपार्टमेंट में ईमानदारी से काम कर रहे हैं और चंद्रबाबू को 15 दिनों के अंदर सबके सामने माफी मांगनी चाहिए। यह मामला इसलिए गरमा गया क्योंकि नोटिस सिर्फ मुख्यमंत्री को भेजे गए थे। इस मामले में, सीनियर पुलिस अधिकारियों ने शंकरैया के खिलाफ डिसिप्लिनरी एक्शन लिया था।                                                       

विदित हो उक्त मामले में  विवेकानंद रेड्डी की हत्या की जानकारी जब सीबीआई के परिधि में चल रही है उसे मामले को विधानसभा में उठाने के पहले जांच प्रक्रिया चल रही है कह कर उस प्रक्रिया को टालना चाहिए था।        

वरना सीबीआई जांच में अवरोध उत्पन्न करने ईमानदारी पूर्वक प्रक्रिया में किसी अधिकारी का उदाहरण देकर विधानसभा में नहीं कहना चाहिए यह जांच प्रक्रिया है इस वजह स उक्त एक वरिष्ठ ईमानदार पुलिस अधिकारी शंकरैया के विरोध में अपमान जनक टिप्पणी विधानसभा में करने के वजह से शंकरिया द्वारा नोटिस दिया जा सकता है कहकर कानूनी सलाहकारों ने समाचार पत्र को बताया

इसके अलावा शंकरैया सी आई ईमानदारी पूर्वक रहने वाला यह अधिकारी के ऊपर गलत बयान बाजी के चलते नोटिस दिया जा सकता है यह संवैधानिक सिद्धांत भी है कहा।

विवेक के हत्या के बाद वर्तमान  सत्ता पक्ष नेताओं द्वारा उनके अनुसार पूर्वक बयान दिलवाना चाहते थे इस पर शंकरैया  ने  विरोध किया था।  विवेक के हत्या के मामले में गलत बयान के विरोध में ऐसी प्रक्रिया किया गया कहकर भी कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है ।